
ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया के शासन की स्वर्ण जयंती 1887 में मनाई जा रही थी। इसी के जश्न के मौके पर उन्हें भारत से दो अदद नौकर तोहफ़े में मिले। उन्हीं दो हिन्दुस्तानियों में से एक थे मुहम्मद अब्दुल करीम। अब्दुल करीम झांसी के पास ललितपुर के रहने वाले थे। उस समय अब्दुल करीम की उम्र लगभग 24 साल थी। बकिंघम महल जाने के कुछ ही महीनों के बाद अब्दुल करीम महारानी विक्टोरिया के निकट सहयोगी बन गए। उन्होंने करीम को मुंशी का ओहदा दिया और अपना भारत सचिव बनाया। अब्दुल करीम महारानी के साथ 15 बरस रहे। इस दौरान करीम ने रानी को उर्दू और हिंदी पढ़ना-लिखना सिखाया। रानी की मौत के बाद करीम आगरा आ गए जहां उनका इंतकाल हुआ।
महारानी विक्टोरिया और अब्दुल करीम के रोचक रिश्ते पर शरबानी बसु ने एक किताब लिखी है। किताब लिखने के दौरान लेखिका को अब्दुल करीम की वो पुरानी डायरी मिली जिसमें उन्होंने महारानी विक्टोरिया के साथ अपने प्रगाढ़ संबंधों के बारे में लिखा था। यह डायरी कराची में उनके किसी वारिस के पास से मिली थी।
Victoria & Abdul: The True Story Of The Queen’s Closest Confidant (2011, History Press, London)
किताब के बारे में आप यहाँ जान सकते हैं
https://www.amazon.co.uk/Victoria-amp-Abdul-Closest-Confidant/dp/0752458531

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