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सेवाओं की आउटसोर्सिंग की दुनिया में भारत एक अग्रणी देश है। चाहे वह सूचना प्रोद्योगिकी का क्षेत्र हो या वित्त या ग्राहक सेवा का, भारत की कंपनियों ने इसमें अच्छा मुनाफ़ा और नाम कमाया है। लेकिन कुछ भारत स्थित कंपनियाँ हैं जिन्होंने आउटसोर्सिंग के जगत में नवीनतम अवधारणाएँ प्रस्तुत की हैं। इनमें से एक है – वी.एफ़.एस. ग्लोबल (VFS Global)। वी.एफ़.एस. ग्लोबल की मातृ कपंनी कुओनी समूह है जिसका मुख्यालय ज़्यूरिख़ (स्वीट्ज़रलैंड) में स्थित है। लंबे समय तक मुंबई (भारत) से संचालित होने के बाद अब वी.एफ़.एस. ग्लोबल का मुख्यालय भी ज़्यूरिख़ (स्वीट्ज़रलैंड) में बनाया गया है।  

 

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आमतौर पर वीज़ा का ख़्याल आते ही राजदूतावासों और उनके केन्द्रों की मनोहारी तस्वीर ज़ेहन में उतरती है। लेकिन आज आप भारत से  दुनिया के अधिकतर बड़े देशों की यात्रा पर जाना चाहते हैं तो उनके राजदूतावासों को देखने का ख़्याल अपने दिमाग से निकाल दीजिए। क्योंकि आप वहाँ शायद ही जाएँ। ऐसा इसलिए कि चाणक्यपुरी  के राजदूतावासों के गेटों के बाहर सिख-पंजाबी एवं मलयाली भाइयों और बहनों की बढ़ती भीड़ के मद्देनज़र इन राजदूतावासों  ने अपने अधिकांश जनता से जुड़ने वाले काम वी.एफ़.एस. ग्लोबल नामक कंपनी को सौंप दिए हैं। शायद इन राजदूतावासों में काम करने वाले फ़िरंगी अधिकारी दूर पंजाब और केरल के गाँवों से आने वाली पसीने से लथपथ और विदेश जाने के लिए बेचैन  भीड़ से पीछा छुड़ाना चाहते थे। विदेश जाने के लिए वीज़ा आवेदनकर्ताओं की बढ़ती भीड़ के दो और मुख्य कारण भारतीयों की बढ़ती समृद्धि और भारतीय सूचना टेक्नोलॉजी कंपनियों का भूमंडलीकरण भी थे। वी.एफ़.एस. का मतलब है Visa Facilitation Service.

इसलिए आज यदि आप भारत में रहते हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यू.के., चीन या शेनगन क्षेत्र के किसी यूरोपीय देश का पर्यटक या व्यापारिक वीज़ा लेना चाहते हैं तो आपका वास्ता वी.एफ़.एस. ग्लोबल  से ज़रूर पड़ेगा। दिल्ली में इसका दफ़्तर कनॉट प्लेस में है। पता यहाँ उपलब्ध है –

वीएफ़एस दिल्ली

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दरअसल वी.एफ़.एस. ग्लोबल वह कंपनी है जिसे इन देशों की सरकारों ने अपने राजदूतावासों के वीज़ा संबंधी कागज़ी प्रक्रिया (जैसे वीज़ा आवेदन लेना, जाँचना, आवेदक को जानकारी उपलब्ध करवाना, वीज़ा आवेदन को राजदूतावास भेजना, वीज़ा निर्गत होने पर वीज़ा लगे पासपोर्ट को आवेदक को लौटाना, आदि) को पूरा करवाने का ज़िम्मा दिया है। वी.एफ़.एस. ग्लोबल की स्थापना 2001 में मुम्बई में ज़ुबिन करकारिया ने की थी। वर्तमान में करकारिया कुओनी समूह के सी.ई.ओ हैं। करकारिया ने ही 2001 में Front office outsourcing for Visa processing का आविष्कार किया था। वर्तमान में वी.एफ़.एस. ग्लोबल कुल 48 देशों की सरकारों को वीज़ा संबंधी कार्यों में मदद करती है। इसके 140 आवेदन केन्द्र 124 देशों में स्थित हैं। ग़ौरतलब यह है भारत से शुरु हुई यह आउटसोर्सिंग आज दुनिया के लगभग हर कोने में वी.एफ़.एस. ग्लोबल द्वारा की जा रही है। कह सकते हैं कि इस क्षेत्र में इस कंपनी का एकाधिकार है।